कूकू और भूरी।

दो मुर्गिया थी -कूकू और भूरी। दोनों एक पुराने दड़बे (मुर्गी रखने का स्थान) में रहती थी। दोनों को डिंग मारने और शान बघारने का बहुत शौक था।आप सोच रहे होंगे कि क्योंकि कूकू और भूरी ज्यादातर समय साथ-साथ बिताती थी इसलिए शायद उनमें अच्छी दोस्ती होगी, परन्तु ऐसा बिल्कुल भी नहीं था। दोनों आपस में बहुत ही कम बातचीत करती थी।
              एक दिन कूकू ने डिंग मारी, "मेरे नए अंडे तो दुनिया में सबसे सुंदर है, एकदम रेशम की तरह चिकने है।"
भूरी भला कहां चुप रहनेवाली थी, "नहीं ऐसा नहीं है। मेरे अंडे सबसे ज्यादा खूबसूरत है।देखो न,वे मोतियों की तरह चमक रहे हैं।"
"मेरे अंडे कोरे कागज की तरह सफ़ेद हैं,"कूकू बोली
अगर आप लोगों को आगे की कहानी पढ़ने की इच्छा है तो हमेें जरूर बताएं ।
                   ।धन्यवाद।

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